मुंबई, भारत, Sept. 19, 2019 (GLOBE NEWSWIRE) -- भारत, दुनिया के पहले हाइपरलूप प्रोजेक्ट की ओर कदम बढ़ा रहा है. Virgin Hyperloop One (VHO) ने आंकड़े दिए हैं जिसकी पुष्टि प्रोजेक्ट के रणनीतिक साझेदार KPMG ने की है कि हाइपरलूप रूट बनने से इलाके में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 18 लाख नौकरियां पैदा होंगी.
प्रस्तावित हाइपरलूप अप्रैल 2019 में रिलीज़ हुई नई औद्योगिक नीति के सभी मुख्य लक्ष्यों पर सीधे-सीधे काम करता है. इस नीति का लक्ष्य है महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का बनाना. यह प्रोजेक्ट नई नीति में बताए गए 14 “थ्रस्ट सेक्टर” में से 9 को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहा है.
VHO और KPMG के सम्मिलित अनुमान के अनुसार, कंस्ट्रक्शन के दौरान पूरे प्रोजेक्ट से 70 हज़ार करोड़ से भी ज़्यादा का निवेश आएगा.अपने जीवनकाल के दौरान यह प्रोजेक्ट $36 बिलियन के सामाजिक-आर्थिक फ़ायदे तैयार करेगा. इससे राज्य की जीडीपी में 2.6% की बढ़ोतरी होगी. साथ ही, इससे महाराष्ट्र में हाइपरलूप के कॉम्पोनेंट और निर्माण के मौके तैयार होंगे जहां से भारत की दूसरी जगहों के प्रोजेक्ट्स को सामान सप्लाई किया जा सकेगा और दुनिया के बाकी हिस्सों में भी भेजा जा सकेगा.
नौकरी के आंकड़े प्रोजेक्ट के जीवनकाल के आधार पर, कंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन, मैन्युफ़ैक्चरिंग के साथ-साथ रिसर्च और डेवलपमेंट को ध्यान में रखकर दिए गए हैं.ये आंकड़े प्रत्यक्ष रूप से मिलने वाली नौकरियों (सीधे तौर पर हाइपरलूप प्रोजेक्ट डेवलपमेंट से जुड़ी गतिविधियां) और अप्रत्यक्ष नौकरियों (हाइपरलूप प्रोजेक्ट को मदद देने वाले अपस्ट्रीम इंडस्ट्री सेक्टर) को ध्यान में रखकर बताए गए हैं.
“मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट ऐसा परिवहन विकल्प बनने के पथ पर अग्रसर है जो अपनी तरह का पहला होगा. इससे महाराष्ट्र के लाखों लोगों को नए आर्थिक मौके मिलेंगे.लेकिन यह तो सिर्फ़ शुरुआत है,” यह कहना है Virgin Hyperloop One के भारत और मिडिल ईस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर Harj Dhaliwal का.“हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहे हैं जिसमें महाराष्ट्र, दुनिया के अलग-अलग हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए आपूर्ति का केंद्र बनेगा. यहां मैन्युफ़ैक्चरिंग, डिज़ाइन और इंजीनियरिंग को मदद देने वाली सेवाएं होंगी. इससे न सिर्फ़ महाराष्ट्र हाइपरलूप का पहला केंद्र बनेगा बल्कि 100 साल से भी ज़्यादा समय बाद जन परिवहन के किसी नए मोड का ग्लोबल लीडर बनेगा.”
पिछले महीने मुंबई-पुणे हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने की ऐतिहासिक घोषणा करते समय महाराष्ट्र सरकार ने इसे सार्वजनिक निर्माण परियोजना का दर्जा दिया. यानी हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को भी जन परिवहन के दूसरे पारंपरिक तरीकों जैसा ही माना जिससे यह दुनिया का पहला हाइपरलूप प्रोजेक्ट बनने जा रहा है.
MahaIDEA कमेटी ने भी Virgin Hyperloop One-DP World (VHO-DPW) Consortium को पुणे-मुंबई हाइपरलूप प्रोजेक्ट का ओरिजिनल प्रोजेक्ट प्रोपोनेंट (OPP) माना.
हर साल मुंबई और पुणे के बीच 7.5 करोड़ लोग यात्रा करते हैं जो 2026 तक बढ़कर 10 करोड़ 30 लाख हो जाएंगे.हर साल 20 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को यात्रा की सुविधा देकर Virgin Hyperloop One का सिस्टम इस बढ़ती हुई मांग को पूरा कर सकता है. यह मुंबई और पुणे के बीच की दूरी 30 मिनट से भी कम में पूरी करेगा जिसमें फ़िलहाल 3.5 घंटे से भी ज़्यादा समय लगता है.यह बेहद तेज़ रफ़्तार वाला लिंकेज न सिर्फ़ नए सामाजिक और आर्थिक मौके उपलब्ध कराएगा बल्कि शून्य प्रत्यक्ष उत्सर्जन करके जन परिवहन का स्थायी रूप भी प्रदान करेगा.
महाराष्ट्र सरकार हाइपरलूप इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट रिक्वेस्ट फ़ॉर प्रपोज़ल (RFP) को अंतिम रूप दे रही है और इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए MahaIDEA अधिनियम के तहत RFP के लिए निविदा मंगवाने की तैयारी में है.
VHO-DPW प्रस्ताव में प्रोजेक्ट के फ़ेज़ 1 के लिए $500 मिलियन की प्राइवेट इक्विटी फ़ंडिंग शामिल है.फ़ेज़ 2 को डेट और इक्विटी से फ़ंड किया जाएगा जो निजी सेक्टर से आएगा जिससे यह पक्का होगा कि दूसरे इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से सार्वजनिक पैसे इस प्रोजेक्ट के लिए आवंटित नहीं हो रहे.
मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट के बारे में
प्रस्तावित मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रोजेक्ट, पुणे के केंद्रीय भाग और मुंबई की दूरी 30 मिनट से भी कम समय में पूरी करेगा और हर साल इससे 20 करोड़ से भी ज़्यादा लोग यात्रा करेंगे.Virgin Hyperloop One ने प्रोजेक्ट के लिए दो फ़ेज़ वाला प्रस्ताव रखा है. पहले फ़ेज़ में नमूने के तौर पर 11.8 किमी ट्रैक तैयार किया जाएगा और दूसरे फ़ेज़ में बाकी का 100 किमी. मुंबई और पुणे को जोड़ने वाले इस हाइपरलूप सिस्टम में प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक स्टॉप का भी विकल्प रखा गया है.महाराष्ट्र सरकार ने पुणे-मुंबई हाइपरलूप प्रोजेक्ट को एक सार्वजनिक इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट घोषित किया है जिसमें Virgin Hyperloop One-DP World Consortium को ओरिजिनल प्रोजेक्ट प्रोपोनेंट (OPP) के रूप में शामिल किया गया है.
Virgin Hyperloop One के बारे में
Virgin Hyperloop One इकलौती ऐसी हाइपरलूप कंपनी है जिसने फ़ुल-स्केल वाला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक बनाया है और अब तक सैकड़ों टेस्ट रन कर चुका है.लगभग निर्वात जैसी स्थिति में, कंपनी ने इलेक्ट्रिक प्रपल्शन और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लेविटेशन इस्तेमाल करके फ़ुल-स्केल वाला हाइपरलूप वाहन चलाया था. सैद्धांतिक रूप से यह आवागमन का नया रूप है जो तेज़, सुरक्षित, सस्ता और मौजूदा मोड की तुलना में लंबे समय तक चल सकने वाला है.फ़िलहाल कंपनी दुनिया की अलग-अलग जगहों की सरकारों, भागीदारों और निवेशकों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि हाइपरलूप को हकीकत का रूप लेने में कुछ ही साल लगें न कि कई साल.फ़िलहाल कंपनी के प्रोजेक्ट भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे हैं.Virgin Hyperloop One की तकनीक, नज़रिए और मौजूदा प्रोजेक्ट के बारे में यहां अधिक जानकारी प्राप्त करें.
मीडिया सामग्री
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इस घोषणा के साथ दी जाने वाली फ़ोटो https://www.globenewswire.com/NewsRoom/AttachmentNg/6c93659b-4c52-42ca-b513-1947e77728eb पर उपलब्ध है